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फूटकचईया की कहानी

Post Date 2024-12-18 20:36:14

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**फूटकचईया की कहानी**


एक समय की बात है, एक गांव में फूटकचईया नाम का एक बहुत ही गरीब और मेहनती किसान रहता था। वह अपनी छोटी सी झोपड़ी में अपनी पत्नी और बच्चों के साथ रहता था। फूटकचईया के पास खेती के लिए केवल एक छोटी सी जमीन थी, जिस पर वह अपने परिवार का पेट पालने के लिए खेती करता था।


फूटकचईया का जीवन बहुत ही संघर्षपूर्ण था, लेकिन उसने कभी हार नहीं मानी। वह हमेशा मेहनत करता और अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने की कोशिश करता। उसके पास बहुत ही कम संसाधन थे, लेकिन उसने कभी भी अपनी गरीबी को अपनी मेहनत और ईमानदारी में आड़े नहीं आने दिया।


एक दिन, जब फूटकचईया अपने खेत में काम कर रहा था, तो अचानक उसे जमीन में एक चमकती हुई चीज दिखाई दी। उसने उसे खोदकर बाहर निकाला तो देखा कि वह एक सोने की मुट्ठी थी। फूटकचईया बहुत खुश हुआ और उसने सोचा कि अब उसकी गरीबी दूर हो जाएगी।


लेकिन फूटकचईया ने तुरंत सोचा कि यह सोना उसका नहीं है और उसे गांव के मुखिया के पास ले गया। मुखिया ने फूटकचईया की ईमानदारी की तारीफ की और कहा, "फूटकचईया, तुम बहुत ही ईमानदार व्यक्ति हो। यह सोना तुम्हारा ही है क्योंकि तुमने इसे अपने खेत में पाया है।" लेकिन फूटकचईया ने कहा, "नहीं मुखिया जी, यह सोना मेरा नहीं है। इसे उसके असली मालिक को ढूंढना चाहिए।"


मुखिया ने फूटकचईया की ईमानदारी की बहुत सराहना की और उसे पुरस्कार स्वरूप कुछ जमीन दी, जिससे फूटकचईया की खेती और अच्छी हो गई। फूटकचईया की ईमानदारी की कहानी पूरे गांव में फैल गई और सबने उसकी प्रशंसा की।


फूटकचईया ने अपनी ईमानदारी और परिश्रम के बल पर न केवल अपनी खेती को सफल बनाया, बल्कि गांव में एक आदर्श स्थापित किया। उसकी यह कहानी आज भी ईमानदारी और नैतिकता का प्रतीक मानी जाती है।


इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि सच्चाई और ईमानदारी हमेशा सबसे अच्छी नीति होती है, और यह न केवल हमें सम्मान दिलाती है, बल्कि समाज में एक सकारात्मक प्रभाव भी डालती है। ??


याद रखें, कठिनाइयों के बावजूद, ईमानदारी और मेहनत ही हमें सही मार्ग दिखाती है।